ग्वालियर न्यूज, ग्वालियर डायरीज: ग्वालियर की e – चालान सिस्टम बिल्कुल किसी काम की नही है । आखिर शहर के यातायात व्यवस्था कैसे सुधरे, जब जयदातर लोग बिना किसी नियम के पालन किए गाड़ी चला रहे है। और अगर ट्रैफिक नियम तोड़ भी दे तो चालान नही भर रहे है, सरकार के द्वारा दी गई आंकड़े यह साफ रूप से दर्शाते है। आंकड़ों के मुताबिक पिछले छै महीने में कुल 818 e- चालान काटा गया था जिसमे सिर्फ 56 लोगो ने हो चालान का पैसा भरा है। यह चालान मोबाइल एप के थ्रू काटी गई थी, 56 लोगो ने कुल 28250 रुपए का चालान भरा हैं और इसके साथ ही 762 लोगो का चालान भरना अब भी बाकी है। ITMS के थ्रू बनाए गए चालान का यही हाल है।
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क्या है ITMS सिस्टम ?
यह e- चालान जनरेट करने के लिए उपयोग किया जाता है, खास बात यह है की इस से सिर्फ मध्य प्रदेश में रजिस्टर गाड़ियों का ही चालान काटा जाता है क्यूंकि इसमें सिर्फ मध्य प्रदेश में रजिस्टर गाड़ियों की ही डाटा मौजूद है।
23 सितम्बर 2020 से 5 मार्च 2021 तक करीब 13763 लोगो के e-चालान, ITMS के जरिए जेनरेट हुए लेकिन इनमें से केवल 2012 लोगो ने हो चालान के पैसे दिए । बचे हुए 11751 लोगो के लगभग 58 लाख 75 हजार रूपए का चालान अभी भरना बाकी है।
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आखिर क्या है परेशानी ?
e- चालान जनरेट करने के बाद पुलिस उसे डाक के माध्यम से गाड़ी के मालिक के घर भेजती है, जिसमे जुर्माना भरने के अनुदेश रहते है। उसके बाद किसी भी परिस्थिति में चालान नहीं भरने पर पुलिस उसे नोटिस भेजती है। तत्पश्चात पुलिस, चालान को कोर्ट के हवाले कर देती है। ये सारा प्रोसेस काफी लंबी होने के कारण पुलिस इस पर ठीक तरह से नजर नही रख पाती, बहुत ही बार ऐसा भी देखा गया है की चालान, गाड़ी मालिक के पास पहुंचा ही नही।
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