
ग्वालियर न्यूज, ग्वालियर डायरीज: मध्य प्रदेश में इस महीने (अगस्त) के शुरू के दिनों में हुए जबरदस्त बारिश की वजह से जान, माल़ का नुकसान हुआ ही है साथ ही सड़के और पुल टूट कर बारिश के बाद आई बाढ़ में बह गई जिससे यातायात व्यवस्था की कमर टूट गई है। शुरुवाती आंकड़े की मानें तो पूरे प्रदेश में बाढ़ के कारण 300 से भी अधिक पुले (छोटी , बड़ी मिलाकर) टूट कर बाढ़ में बह गई है और साथ ही 400 किमी सड़के को बाढ़ की पानी में बर्बाद हो गई है। एक आंकड़े के अनुसार इन सब को रोजाना के लिए फिर से उपयोग ने लाने के लिए लगभग ₹400 करोड़ रुपए लगेंगे। नुकसान की बात करे तो भोपाल संभाग के विदिशा सहित अन्य 10 जिलों में भारी नुकसान की खबर है।

राजगढ़ से विदिशा जाने आने वाली सड़के तो पूरी तरह से नष्ट हो गई है, तो वही देश की शान कहे जाने वाले नेशनल हाईवे को भी नुकसान पहुंचा है, इनकी मरम्मत के लिए ₹18 करोड़ की राशि लगेगी। मध्य प्रदेश के यह हाल तब है जब बाकी आधा प्रदेश में बारिश हुई ही नहीं । PWD ने इन सब पुल और सड़को को फिर से काम के लायक बनाने के लिए सरकार से बचत मद के रूप में ₹161 करोड़ रुपए की मांग की है, जिसके लिए PWD मंत्री गोपाल भार्गव, प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई और ENC अखिलेश अग्रवाल ने मिल कर पूरी स्थिति पर अच्छी तरह से जांच की है।
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बिल्कुल नए डिजाइन और तरीको से बनेगा पुल

प्रदेश में आई बाढ़ के कारण रतनगढ़ पुल टूट कर बांध में बह गया था, जिसको देखते हुए प्रशासनिक सूत्रों के हवाले से यह दावा किया गया की अब नई पुल का निर्माण किया जाएगा जोकि नए डिजाइनों वाला होगा।
कुछ महत्वपूर्ण रोड, मार्ग जो नष्ट हुए है
- रतनगढ़ के प्रसिद्ध माता मंदिर के समीप सिंध नदी पर बना पुल।
- इंदरगढ़-पिछौर मार्ग।
- दतिया-उन्नाव रोड।
- अशोक नगर-पिपरई मार्ग।
- मुंगावली-बीन-कंजिया मार्ग।
- संबलगढ़-विजयपुर रोड।
- कैलारस-पहाड़गढ़ रोड
- सेंमई-विजयपुर रोड।
- विजयपुर-इकलौद रोड।
- विजयपुर-सेमई मार्ग।
- श्योपुर-खातौली मार्ग।
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