ग्वालियर-चंबल अंचल में स्थित बोहत से औधोगिक क्षेत्र जैसे की बानमोर, मालनुप इत्यादि औधोगिक क्षेत्र की स्थापना में ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता श्री माधवराव सिंधिया ने एक अहम भूमिका निभाई थी, गौर करने वाली बात यह है की माधवराव सिंधिया पूर्व केंद्र मंत्री रह चुके है साथ ही वो 1991 से लेकर 1993 तक देश के नागरिक उड्डयन मंत्रालय के कमान भी संभाल चुके है। और अब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी शुक्रवार से देश की नागरिक उड्डयन मंत्रालय की कार्यभार संभाल रहे है अर्थात् शुक्रवार को उनको केंद्रय मंत्री के रूप में नागरिक उड्डयन मंत्रालय की जिम्मेदारी सौप पी गई है। ऐसे में ग्वालियर की औधोगिक क्षेत्र में भी अब नई उड़ान देखने को मिल सकती है। स्थानीय व्यापारी समिति की माने तो ग्वालियर छेत्र में वायु यातायात की सुविधा बहुत ही कम है या फिर यू कह लीजिए की नही के बराबर है जिस से कोई भी बड़ा Entrepreneur इस छेत्र की ओर नही आते, अतः अगर इस छेत्र के शहरो में हवाई अर्थात् वायु यातायात सुगम रूप से चालू हो जाए तो बहुत से entrepreneur ग्वालियर चंबल अंचल में आसानी से आ जा सकेंगे । जिस से नए रोजगार की उत्पति होगी और अंचल में बेरोजगारी भी कम होगी।
क्या है पूरा मामला ?
यू कह लीजिए की क्षेत्र में वायु यातायात अभी तक उस स्तर पर नही है जितनी किसी भी डेवलपिंग छेत्र की होनी चाहिए, सरकार ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट तो लॉन्च कर दिया लेकिन उस पर काम उस स्तर पर अभी तक हो नही पाई है जितनी अभी तक हो जाने की उम्मीद थी, उसके ऊपर कोरोना की मार, सारे के सारे काम रोक दिए गई लॉकडाउन की वजह से, अब जब लॉकडॉउन हटा है, तब फिर से विकास अब धीरे धीरे रफ्तार पकड़ रहा है ऐसे में वायु यातायात किसी भी अंचल के विकास में एक अहम भूमिका निभाता है। एक महत्वपूर्ण बात यह भी है की अंचल में इंडस्ट्रियल यूनिट को लगाने के लिए जमीन आसानी से उपलब्ध है लेकिन बड़ी बड़ी उद्योगपति अंचल में विजिट करने आते ही नहीं , ज्यादातर बार यह देखा गया है की वायु यातायात व्यवस्था ठीक नही होने के कारण उन्हें आने के लिए काफी समय निकालना पड़ता है जो उनके लिए संभव नहीं हो पाता हैं।
क्या किया जा सकता है ?
शुक्रवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया के नागरिक उड्डयन बनने से, अंचल के व्यापारी के साथ साथ एंटरप्रेन्योर की उम्मीदों को नई उड़ान मिली है। गौर करने वाली बात यह है की सिंधिया ने खुद ही हवाई यातायात को अंचल में बढ़वा देने की काफी प्रयास की है, जिसमे उन्होंने पहले के नागरिक उड्डयन मंत्रालय को पत्र भी लिखा था। ऐसे में देखने वाली बात होगी की नागरिक उड्डयन मंत्री के रूप में सिंधिया अंचल के लिए क्या करते है।
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