पिछले कुछ दिनों में ट्रेन में चेन पुलिंग की मामलों में बहुत ही अधिक मात्रा में वृद्धि हुई है जो रेलवे के लिए एक सरदर्द बनता जा रहा है।
क्या है पूरा मामला ?
Corona की बढ़ते केस को कम करने के लिए पहले लॉकडॉन लगाया, जिससे ट्रेन सेवा को भी पूरी तरह से बंद करना पड़ा, इसके फलस्वरूप रेलवे को तो घाटा हुआ ही साथ ही आम लोगो की जीवन उतल फुथल हो गई। लॉकडाउन हटने के बाद रेलवे Corona गाइडलाइन को पूरी तरह से पालन करते हुए सीमित संख्या में ट्रेन चला रही है। लेकिन इसमें उसकी परेशानी बढ़ा रहे है सोते हुए यात्री, जी हां आपने सही पढ़ा , सोते हुए यात्री ना की जागे हुए। असल में पिछले कुछ दिनों में देखा गया है की यात्री ट्रेन में सो ते रह जा रहे है और ट्रेन उनकी डेस्टिनेशन स्टेशन को पार करते हुए आगे निकल जा रही हैं, जब यात्री नीद पूरी कर उठ रहे है तब उन्हे पता लगता है वो तो काफी आगे आ गए। ऐसे वो न आओ देखते है न ताऊ, सीधा ट्रेन की चैन खीच देते है । सिर्फ एक दिन में ही लगभग आधा दर्जन चेन खींचने की घटना हो चुकी है । इस से रेलवे और आरपीएफ दोनो परेशान हैं और साथ ही ट्रेन में सफर करने वाले दूसरे यात्री भी इस परेशानी से जूझ रहे है।
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सबसे बड़ी कठिनाया का सामना तो RPF को झेलनी पड़ रही है आखिर कार यह सुरक्षा में एक बड़ी चूक है । रिपोर्ट के माताबिक सिर्फ पिछले सात दिनों में ही लगभग पच्चीस ट्रेनों को चेन खींच कर रोका गया है। यह पिछले सात दिनों अर्थात् एक जुलाई से आठ जुलाई के बीच की रिपोर्ट है । जैसे ही Corona की दूसरी लहर का प्रभाव कम हुआ , रेलवे ने ट्रेन की सेवा दुबारा शुरू कर दी, रेलवे के मुताबिक वह सामन्य के मुताबिक बीस प्रतिशत कम अर्थात् अस्सी प्रतिशत ट्रेन चला रही है। लेकिन जैसे ही ट्रेन की संख्या बढ़ी, उसमे सवारी करने वाले यात्री की भी संख्या बढ़ी और इसके साथ ही बढ़ गया चेन खींचने का मामला।
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क्या करवाई की गई ?
रेलवे के तरफ से यह कहा गया की करीब पंद्रह लोगो को चेन खींचने में दोषी पाया गया है और उनके खिलाप रेलवे एक्ट के कानून के मुताबिक करवाई की गई है। साथ ही रेलवे ने यह कहा है की वो अब रेलवे स्टेशन पर यह उद्घोषणा करवाएगी की लोग ठीक समय में सोकर उठने के लिए अपनी मोबाइल की अलार्म का इस्तेमाल करे।
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