ग्वालियर न्यूज, ग्वालियर डायरीज: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को कहा की मध्य प्रदेश के उत्तरी भाग में बाढ़ की स्थिति काफी ‘गंभीर’ होती जा रही है, जहां भारी बारिश के बाद 1,200 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हुए है और सेना, एनडीआरएफ, बीएसएफ और राज्य एजेंसियों की मदद से 5,950 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। उन्होंने यह भी कहा कि 1,950 लोग अभी भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे हुए हैं और उन्हें प्रशासन बचाने का कर संभव प्रयास कर रही हैं।
साथ ही शिवपुरी और ग्वालियर के बीच रेल सेवाएं और मुरैना जिले में दूरसंचार सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
मंगलवार को खराब मौसम के कारण प्रभावित होने के बाद बुधवार को हेलीकॉप्टरों से बचाव कार्य फिर से शुरू हो गया।
सीएम ने बुधवार दोपहर बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया जिसके बाद चौहान ने कहा, “उत्तर मध्य प्रदेश में बाढ़ की स्थिति गंभीर है… शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, ग्वालियर, गुना, भिंड और मुरैना जिलों के 1,225 गांव प्रभावित हैं।”
उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), भारतीय सेना और बीएसएफ ने मिलकर 240 गांवों से 5,950 लोगों को निकालने में सफलता हासिल की है। सेना, बीएसएफ, एनडीआरएफ की चार टुकड़ियों और एसडीआरएफ की 70 टीमों को बचाव कार्य में लगाया गया है। एनडीआरएफ की और टीमें आ रही हैं… ग्वालियर में चार और शिवपुरी में एक सहित वायुसेना के पांच हेलीकॉप्टरों को भी बचाव अभियान में लगाया गया है। लकिन राहत की बात यह है कि कुछ जगहों पर जलस्तर नीचे आ रहा है। श्योपुर जिले के कुछ गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए, लेकिन वहां फंसे लोग सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि सेना बचाव अभियान के लिए उन गांवों में पहुंच रही है। सेना भी दतिया पहुंची, जहां 36 गांवों से 1,100 लोगों को बचाया गया।उन्होने कहा कि कुछ लोगों को दतिया जिलों में एक जगह से एयरलिफ्ट किया गया जहां बाढ़ के कारण सभी मुख्य सड़कें बंद हैं।
“बाढ़ के कारण दतिया जिले में दो पुल ढह गए। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या तीन पर बने पुल में दरार आ गई, इसलिए इसे एहतियात के तौर पर बंद कर दिया गया है,” उन्होंने कहा। लगभग 3,000 लोगों को ग्वालियर के राहत शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां 46 गांव प्रभावित हुए। सीएम ने कहा कि शिवपुरी में 22 गांवों से 800 लोगों को रेस्क्यू किया गया है.
चौहान ने आगे कहा कि भिंड और मुरैना जिलों में बाढ़ का खतरा है क्योंकि भारी बारिश के कारण चंबल नदी का जल स्तर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इन जिलों में जलस्तर और बढ़ जाएगा क्योंकि चंबल नदी पर बने एक बैराज से पानी छोड़ा गया है।
सीएम चौहान कहा कि इन जिलों के निचले गांवों से लोगों को निकाला जा रहा है। चौहान ने यह भी कहा कि इन जिलों में कई जगहों पर बुनियादी ढांचा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है, मुरैना और अन्य स्थानों में दूरसंचार बुनियादी ढांचा बाढ़ के कारण पूरी तरह से नष्ट हो गया था। मैंने इस संबंध में केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय के अधिकारियों से बात की है।
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