विवेकानंद नीडम रेल ओवर ब्रिज का निर्माण आठ वर्षों में पूरा हो चुका है, लेकिन इसके उद्घाटन को लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक अवरोध लग रहे हैं। अधिकारियों ने दोनों तरफ से पुल को टिन की चादरों से बंद कर रखा है, जिससे 30 से 40 हजार दैनिक ड्राइवरों को असुविधा हो रही है। इस पुल के शुरू होने से वाहनों को ओहदपुर, सिरोल, सिटी सेंटर से चेतकपुरी, नाका चंद्रबदनी, शिवपुरी लिंक रोड तक जाने का 4 से 5 किलोमीटर का चक्कर बख्शा जा सकेगा। नगर की महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों के बीच नियमित रूप से आने-जाने वाले कर्मचारियों को भी इससे लाभ मिलेगा।
हालांकि, स्मार्ट सिटी द्वारा ओहदपुर के पते कॉलोनी से सिरोल तक सड़क का निर्माण किया गया है, लेकिन कॉलोनी का मुख्य भाग अधूरा छोड़ दिया गया। लोगों का आरोप है कि ROB के निर्माण के दौरान खोदी गई सड़क को पक्का करने का काम नहीं किया गया। ROB के उद्घाटन के बाद, झांसी रोड से नए कलेक्टरेट तक की दूरी कम हो जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दोनों बार कार्यक्रम होने के बाद भी उद्घाटन नहीं कर सके, जिसमें एक बार 26 मार्च की ट्रांजिट यात्रा शामिल थी और दूसरी बार आरोग्यधाम के भूमिपूजन की योजना, फिर भी काम अधूरा रहा।
महत्वपूर्ण बिंदु:
1. विवेकानंद नीडम रेल ओवर ब्रिज का निर्माण 8 वर्षों में हुआ और अतिरिक्त 4-5 किमी चक्कर से राहत मिलेगी।
2. उद्घाटन में राजनीतिक और प्रशासनिक अड़चनों ने निर्माण के बावजूद ट्रैफिक शुरू नहीं होने दिया।
3. अधिकारियों ने टिन की शीट्स लगाकर ब्रिज बंद कर दिया है।
4. स्मार्ट सिटी द्वारा सड़क निर्माण में अधूरे कार्य की शिकायतें हैं।
5. मुख्यमंत्री की दो यात्राओं पर उद्घाटन समारोह की योजनाएं बनीं, लेकिन औपचारिक हरी झंडी नहीं मिली।






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