ग्वालियर न्यूज, ग्वालियर डायरीज: पिछले दिनों सम्राट मिहिर भोज की पट्टिका पर जमकर बवाल हुआ, यहां तक कि पुलिस से प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प की खबर भी आई, फिलहाल यह पूरा मामला हाईकोर्ट में है, जिसपर न्यायालय अपनी पैनी नजर बनाए हुए है। उच्च न्यायालय ने इस मामले को सुलझाने और पूरे विवाद को अच्छी तरह समझने के लिए एक समिति का गठन किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य दोनों पक्षों के साथ इस विवाद पर चर्चा कर सम्राट मिहिर भोज की पट्टिका पर विवाद को समझना है तथा एक निष्कर्ष तक पहुंचना है।
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अब तक दोनों पक्षों की ओर से सबूत के तौर पर इस समिति को 6000 से अधिक पन्नों के दस्तावेज जमा किए जा चुके हैं, जिसकी जांच होनी बाकी है। इस जांच समिति में राजेंद्र सिंह भदौरिया और उनके वकील एमपी सिंह सूर्यवंशी (राजपूत समाज) की ओर से प्रतिहार राजाओं की लगभग 44 पीढ़ियों का विवरण दिया गया है, और साथ ही प्रतिहार के तत्कालीन वंशज श्री अरुणोदय सिंह जी का शपथ पत्र भी जमा किया है। जिसकी जांच कमेटी के 2 इतिहासकार करेंगे। अलबेल सिंह घुरया (गुर्जर समाज) के अनुसार सभी दस्तावेजों और साक्ष्यों को कुल 4 श्रेणी में रखा गया है, जिसकी जांच समिति कर रही है।
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इस समिति को 20 अक्टूबर को उच्च न्यायालय में सभी दस्तावेजों और साक्ष्यों की जांच पूरी करके एक सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट जमा करनी है, जिसके आधार पर उच्च न्यायालय इस मामले में निर्णय देगा, लेकिन इतने सारे दस्तावेजों की जांच करने के लिए समिति अधिक समय मांग सकते हैं।
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