कोरोनावायरस वैक्सीन Covishield की दो खुराक के बीच समय का अंतर कम किया जा सकता है। इस गैप को कम करने का सुझाव स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाली संस्था IAPSM यानी इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन ने दिया है।
इस संबंध में आईएपीएसएम का कहना है कि केंद्र सरकार इस मामले पर विचार कर रही है। इस समय देश में 59 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं और सरकार द्वारा टीकाकरण की प्रक्रिया में तेजी लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। अब दो डोज के गैप को 12 हफ्ते से घटाकर 8 हफ्ते करने पर विचार किया जा रहा है।
आईएपीएसएम ने केंद्र सरकार को कोविशील्ड की दोनों खुराक के अंतर को कम करने का सुझाव दिया है। संगठन का मानना है कि इस अंतर को कम करने से लोगों को दोनों खुराक जल्द से जल्द मिल सकेगी। इससे संक्रमण का खतरा भी कम होगा। यह देखा गया है कि जिन लोगों ने दोनों खुराक ली हैं, उनमें एक खुराक लेने वालों की तुलना में संक्रमण का खतरा कम होता है।
जानकारों का यह भी मानना है कि डेल्टा वेरियंट की वजह से लोगों में संक्रमण का खतरा काफी बढ़ गया है। वैक्सीन की डोज की समीक्षा करने की जरूरत है और केंद्र सरकार इस दिशा में विचार कर रही है।
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डॉ सुनीला गर्ग, प्रेसिडेंट IAPSM ने कहा, “हमारे पास वैक्सीन गैप को कम करने का एक सुझाव है और केंद्र सरकार इस पर विचार भी कर रहा है। हमारी प्राथमिकता ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीके लगाना है, हम यह भी सलाह देते हैं कि जो लोग संक्रमित हो गए हैं उन्हें वैक्सीन नहीं दी जानी चाहिए।” , आईएपीएसएम ने कहा।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का तर्क है कि जब कोविशील्ड की दो खुराक के बीच के अंतराल को बढ़ाकर अधिकतम 16 सप्ताह कर दिया गया, तो देश में टीकों की कमी हो गई थी। लेकिन अब देश में छह कंपनियों की वैक्सीन की अनुमति मिल गई है। यदि अंतर कम किया जाता है, तो अधिक लोगों को पूरी तरह से टीका लगाया जा सकता है और COVID-19 रोगियों को गंभीर होने या अस्पताल में भर्ती होने से बचाया जा सकता है।
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