भारतवर्ष त्यौहार का देश है। कई सारे त्यौहार यहापे मनाए जाते है। पर उनमेसे नवरात्री (navratri) ही एक ऐसा त्यौहार है जो साल में २ बार मनाया जाता है।
नवरात्रि के नौ रातों में तीन देवियोंकी महालक्ष्मी, सरस्वती और माँ दुर्गा के नौ रुपों की पूजा होती है जिन्हें नवदुर्गा कहते हैं।
नवरात्री (navratri) कब मनाते है?
गर्मी के शुरुआती दिनों में चैत्र माह में नवरात्री मनाते है जिसे शारदीय नवरात्र कहते है। और दूसरी सर्दीयो के शुरुवाती दिनों में नवरात्री मनाते है। जिसे रामनवमी/चैत्रनवरात्रि/वसंत नवरात्रि से जाना जाता है।
दिन और रात एकसमान
नवरात्री का समय ऐसा होता है जिस वक्त दिन और रात की लगबग बराबर समय के होते है।
प्रकृति में बदलाव
गर्मी और सर्दी के मौसम में सौरऊर्जा का बहुत बड़ा प्रभाव रहता है। यह ऐसा समय होता है जिस वक़्त वर्षा, जल, ठंड से जा चुके होते है। इस वक्त जीवन में किये गए कार्य पूरे होते हैं। इसीलिए दैवीय शक्तियों की आराधना के लिए यह समय सबसे अच्छा कहा जाता है।
नवरात्री क्यों मनाते है?
- इस वक्त प्रकृति में बदलाव होते है और साथ ही हमारे मस्तिष्क में भी बदलाव आते हैं। इसलिए शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाये रखने के लिए देवी माँ का व्रत रखकर शक्ति की पूजा की जाती हैं।
- कई भक्त नवरात्रि पर्व को सत्य की असत्य पर व धर्म की अधर्म पर विजय के रूप में मनाते है।
- भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में भी नवरात्री मनाते है।
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चैत्र नवरात्री की शुरुवात किसने की?
हिंदू पौराणिक कथाओं नुसार भगवान श्रीराम ने लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की। जिससे उन्हें रावण को मारने के लिए वरदान मिला।
ऐसा माना जाता है कि शारदीय नवरात्र की शुरुवात भगवान श्रीराम ने की।
कैसे मनाते है चैत्र नवरात्रि (navratri) ?
उत्तर भारत में चैत्र नवरात्रि बड़ी ही धूमधाम से मनाते है।
महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा से चैत्र नवरात्रि की शुरूआत होती है। और महाराष्ट्र में इसी दिन से नए साल की शुरुवात भी होती है।
आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक में उगादी से चैत्र नवरात्रि की शुरूआत होती है।
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