देश, ग्वालियर डायरीज: देश में पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं, हालांकि पिछले कुछ दिनों में तेल की कीमतों में गिरावट आई है, लेकिन फिर भी ये कीमतें आम आदमी को परेशान कर रही हैं, इस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट आ रही है और जल्द ही इसका असर भारत पर भी देखा जा सकता है यानि भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और कमी आ सकती है।
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फिलहाल कच्चा तेल (ब्रेंट क्रूड) घटकर 80 डॉलर पर आ गया है। अक्टूबर की शुरुआत में यह $80 से नीचे था, जिसके बाद इसमें तेजी देखी गई और अक्टूबर के अंत में यह $86 के करीब पहुंच गया। कच्चे तेल की कीमतों में कमी से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आ सकती है। एक न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक ओपेक प्लस देशों ने आने वाले हफ्तों में कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने की बात कही है, उम्मीद है कि आने वाले दिनों में उत्पादन में 20 लाख बैरल प्रतिदिन की वृद्धि होगी। इसके साथ ही आने वाले दिनों में कच्चे तेल की कीमत गिरकर 75 डॉलर पर आ सकती है।
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उत्पादन बढ़ने से मांग में कमी आएगी और इससे कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आने की संभावना है, जिसका असर भारतीय बाजार में भी देखा जा सकता है। जानकारों के मुताबिक अगर पेट्रोलियम कंपनियां कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का फायदा आम जनता को दें तो पेट्रोल-डीजल के दाम 2 से 3 रुपये प्रति लीटर तक कम हो सकते हैं. हालांकि, अगर आने वाले दिनों में डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होता है तो पेट्रोल और डीजल का सस्ता होना मुश्किल हो सकता है।
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पेट्रोल या डीजल की कीमतें मुख्य रूप से 4 कारकों पर निर्भर करती हैं – कच्चे तेल की कीमत, रुपये के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की कीमत, केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा एकत्र किया जाने वाला कर और देश में ईंधन की मांग। भारत अपना 85 फीसदी से ज्यादा कच्चा तेल बाहर से खरीदता है। इस कच्चे तेल की कीमत डॉलर में चुकाई जाती है। ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और डॉलर के मजबूत होने से पेट्रोल-डीजल महंगा होने लगा है, कच्चा तेल बैरल में आता है, एक बैरल यानी 159 लीटर कच्चा तेल।
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पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने 3 नवंबर को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये की कटौती की थी। इस कटौती के बाद कर्नाटक, पुडुचेरी, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा, असम, सिक्किम, बिहार, मध्य प्रदेश, गोवा, गुजरात, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और लद्दाख, कि वैट में भी कटौती की। केंद्र और राज्य सरकारों के इस संयुक्त फैसले से आम आदमी को थोड़ी राहत मिली है।
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